केंद्र सरकार द्वारा किए गए कृषि कानून में बदलाव के काले कानून व बिजली कानून 2020 को वापस लेने की मांग पर पिछले 25 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर जारी अविचल किसान आंदोलन में शहादत देने वाले 35 से अधिक किसानो की शहादत के बावजूद भारत सरकार के इस मामले में अड़ियल रुख और इस आन्दोलन के खिलाफ दुष्प्रचार कर अपने पिट्ठू संगठनों से समर्थन के नाटक रकने ज्ञापन दिलवाने और पूरे सोशल मीडिया में अपने आई टी सेल के पेड लोगों से आंदोलनकारियों को खालिस्तानी, पाकिस्तानी, अर्बन नक्सली जैसे घिनौने आरोप लगाकर बदनाम करने की सरकारी कोशिशों का पुरजोर विरोध करते हुए माकपा, ट्रेड यूनियनों के कार्यकर्ता , रंगकर्मी, पत्रकार, चिकित्सक, साहित्यकार, लेखक, छात्र, युवा, महिलाओं, शिक्षाविदों ने किसान आन्दोलन में शहीद हुए साथियों को श्रद्धांजलि देते हुए उनके साथ सम्पूर्ण एकता का इजहार कर मानव श्रृंखला का निर्माण किया ।
रायपुर में नगर निगम कार्यालय के सामने स्थित गार्डन के समक्ष दोपहर 12 बजे आयोजित इस श्रद्धांजलि सभा व मानव श्रृंखला में शामिल साथियों को माकपा नेता धर्मराज महापात्र, चिकित्सक डाक्टर विप्लव बंदोपाध्याय, ईप्टा के अरुण काठोटे, ट्रेड यूनियन नेता राकेश साहू, एस सी भट्टाचार्य, बी के ठाकुर, प्रदीप मिश्रा, नवीन गुप्ता, अपूर्व गर्ग, एस एफ आई के राजेश अवस्थी, रीमेश कन्नोजे, जनवादी नौजवान सभा के मनोज देवांगन, साजिद रजा, माकपा जिला सचिव शेखर प्रदीप गभने, फिल्मकार शेखर नाग, जनवादी महिला समिति की अंजना बाबर , प्राचार्य नीतू अवस्थी ने प्रमुख रूप से संबोधित किया । इस मानव श्रृंखला का निर्माण करने वालों में साहित्यकार डाक्टर आलोक वर्मा,रंगकर्मी , राज्य कर्मचारियों के साथ ही वाम दल, रंगकर्म, साहित्य, कला, पत्रकारिता और समाज के प्रत्येक हिस्से से जुड़े आम नागरिक शिरकत किए । सभी वक्ताओं ने सरकार से हठ त्यागकर किसानों के साथ धोखाधड़ी करने वाले प्रतिगामी और किसान विरोधी कानूनों को वापस लेने की मांग की और कहा कि किसानों का यह आंदोलन न केवल भारतीय कृषि के हित में है बल्कि यह हमारे भोजन की सुरक्षा के लिए भी जरूरी है। सरकार स्वामीनाथन आयोग द्वारा अनुशंसित न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी रूप से लागू करके किसानों के साथ न्याय करे।
समस्त संगठनों ने नागरिक समाज के प्रत्येक हिस्से से इस न्याय युद्ध में किसानों का साथ देने और किसानों के प्रतिरोध के साथ सम्पूर्ण एकता को मजबूत बनाने के साथ ही अदानी, अम्बानी के उत्पादों का सम्पूर्ण बहिस्कार का आव्हान किया । इसके बाद सभी साथी रैली निकालकर बुढ़ापारा धरनास्थल में ट्रांसपोर्ट व्यवसायियों व किसानो के धरना का समर्थन करने पहुंचे और शहीद साथियों को जनगीत गाकर श्रद्धांजलि दी