*किसानों द्वारा राजिम मंडी बंद कर अनिश्चितकालीन धरना शुरू*

 

*26 फरवरी को भी रहेगी मंडी बंद*

कृषि उपज मंडी समिति राजिम में किसानों द्वारा बेचे गए उपज का भुगतान पिछले सात महीने से नहीं होने से नाराज किसानों ने 25 फरवरी 2020 दिन मंगलवार से राजिम मंडी में नीलाम बंद कर मंडी गेट के सामने अनिश्चित कालीन धरना शुरू कर दिया है। सुबह 6 बजे से राजिम मंडी बंद कर धरना स्थल पर डटे किसानों ने मंडी में ही दोपहर का खाना खाया और उनका कहना है कि भुगतान प्राप्ति तक खाना दाना लेकर डटे रहेंगे। आज दिन भर शासन प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने किसानों का सुध नहीं लिया है। बल्कि महासमुंद जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 01 से नवनिर्वाचित जिला पंचायत सदस्य जागेश्वर जुगनू चंद्राकर ने धरना स्थल पहुंच कर किसानों के आंदोलन को समर्थन किया है।
गौरतलब है कि चंद्रेश राईस मिलर को किसानों ने अपने धान को कृषि उपज मंडी समिति राजिम में खुली बोली के माध्यम से बेचा था जिन्हें दिया गया चेक बाउंस हो जाने से 100 किसानों का 50 लाख 45 हजार 334 रुपये का भुगतान नहीं हो पाया था। किसानों ने इस संबंध में धरना प्रदर्शन, पदयात्रा एवं पत्र ज्ञापन के माध्यम से शासन-प्रशासन को अवगत कराते आए हैं। मील मालिक द्वारा अब तक केवल 19 लाख 2 हजार 947 रुपये का ही भुगतान किया है जबकि 95 किसानों का इकतीस लाख 42 हजार 387 रुपये का भुगतान अब भी बकाया है । चूंकि खरीदी बिक्री कृषि उपज मंडी में हुआ है और मंडी प्रशासन अनुबंध पत्र के आधार पर निर्धारित समय सीमा में किसानों को भुगतान करवाने में अक्षम रहा है जिसकी खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है। किसानों को दशहरा, दीपावली, देवउठनी में पाई पाई के लिए मोहताज होना पड़ा अब होली का त्योहार आने वाली है। लेकिन किसानों की सुध न मंडी प्रशासन गंभीरता से लिया है और न ही जिला एवं प्रदेश में बैठे जिम्मेदारों ने लिया है। किसानों ने राज्यपाल, मुख्यमंत्री, कृषि मंत्री, कलेक्टर, और प्रबंध संचालक मंडी बोर्ड रायपुर से मंडी प्रशासन की मद से राशि दिलाने की मांग किया था लेकिन उन्हें केवल आश्वासन ही मिलता रहा। इसलिए किसानों ने बैठक कर 25 फरवरी 2020 दिन मंगलवार से कृषि उपज मंडी में व्यापारी खरीदी बंद कर अनिश्चित कालीन धरना की सूचना कलेक्टर जिला गरियाबंद, अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) राजिम, तहसीलदार राजिम , कृषि उपज मंडी समिति सचिव राजिम और थाना प्रभारी राजिम को दिया गया है।

Author: Sudha Bag

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