रायपुर। छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के हमले से एक एएसपी शहीद हो गए हैं। आकाश राव गिरपून्जे, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक – कोन्टा डिवीजन, जिला सुकमा, आज सुबह 09 जून को कोन्टा-एर्राबोरा मार्ग पर डोंड्रा के पास हुए IED विस्फोट के चपेट में आने के कारण शहीद हुए।
घटना के समय अतिरिक्त एसपी आकाश राव, उप पुलिस अधीक्षक कोन्टा भानुप्रताप चंद्राकर, निरीक्षक सोनल गवला और अन्य जवानों के साथ क्षेत्र में नक्सलियों द्वारा वाहन जलाने की घटना की जांच हेतु पैदल गश्त ड्यूटी पर थे। सर्च ऑपरेशन के दौरान IED विस्फोट हुआ, जिसमें आकाश राव गिरपून्जे (अतिरिक्त एसपी कोन्टा), भानुप्रताप चंद्राकर (अनुविभागीय पुलिस अधिकारी, कोन्टा) एवं निरीक्षक सोनल गवला (थाना प्रभारी, कोन्टा) घायल हो गए।
सभी घायलों को प्रारंभिक उपचार हेतु कोन्टा अस्पताल लाया गया। IED का सीधा प्रभाव लगने के कारण आकाश राव गिरपून्जे गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उपचार के दौरान आकाश राव की मृत्यु हुई और वीरगति को प्राप्त हुए और उन्होंने वीरगति प्राप्त की। 42 वर्षीय आकाश राव गिरपून्जे, रायपुर जिले के निवासी थे और 2013 बैच के सीधी भर्ती डीएसपी थे। वे वर्ष 2024 से कोन्टा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के रूप में सेवा दे रहे थे। वे छत्तीसगढ़ पुलिस के सबसे साहसी योद्धाओं में से एक थे, जिन्होंने मानपुर-मोहला और सुकमा जैसे वामपंथ उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में अपनी सेवाएं दीं।
अन्य घायल अधिकारी भानुप्रताप चंद्राकर (अनुविभागीय पुलिस अधिकारी, कोन्टा) एवं निरीक्षक सोनल गवला (थाना प्रभारी, कोन्टा) फिलहाल खतरे से बाहर हैं और उन्हें बेहतर इलाज के लिए उच्च चिकित्सा केंद्र में एयरलिफ्ट किया जा रहा है। आकाश राव गिरपून्जे के पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार एवं गार्ड ऑफ ऑनर हेतु रायपुर लाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा है कि -सुकमा जिले के कोंटा में नक्सलियों द्वारा किये गये आई ई डी विस्फोट में ए.एस.पी. आकाश राव गिरपुंजे के शहीद होने की सूचना प्राप्त हुई है। यह अत्यंत ही दु:खद है। मैं उनकी शहादत को नमन करता हूँ। इस कायरतापूर्ण हमले में कुछ अन्य अधिकारी व जवानों के भी घायल होने की खबर है। अधिकारियों को घायलों के समुचित इलाज हेतु निर्देश दिए हैं। *छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के ख़िलाफ़ सुरक्षा बलों द्वारा एक बड़ी लड़ाई लड़ी जा रही है और उसमें सुरक्षा बलों को लगातार सफलता मिल रही है। इसी से बौखला कर नक्सली इस तरह की कायराना करतूत को अंजाम दे रहे हैं। नक्सलियों को इसका परिणाम भुगतना होगा। वह दिन अब ज्यादा दूर नहीं जब छत्तीसगढ़ से इनका अस्तित्व ही समाप्त कर दिया जायेगा।