वरिष्ठ समाजसेवी स्व. श्री रामजीलाल अग्रवाल के निधन पर उमड़ा जनसैलाब, हजारों लोगों ने दी अंतिम विदाई

 

रायपुर 25 मई
सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल के पिता वरिष्ठ समाजसेवी, गौसेवक, और अग्रवाल समाज के राष्ट्रीय संरक्षक, स्वर्गीय श्री रामजीलाल जी अग्रवाल आज पंचतत्व में विलीन हो गए।
सुबह 10:30 बजे उनके पार्थिव शरीर की अंतिम यात्रा रामजी वाटिका, मौलश्री विहार, वीआईपी रोड स्थित निवास से प्रारंभ हुई। अंतिम दर्शन के लिए हजारों की संख्या में लोग उमड़ पड़े। उनके पार्थिव शरीर को सर्वप्रथम मोहदापारा गौ आश्रम ले जाया गया, जहां गौसेवकों ने भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके उपरांत उन्हें रामसागर पारा स्थित उनके पुराने निवास पर ले जाया गया, जहाँ स्थानीय नागरिकों ने भी नम आंखों से विदाई दी। इसके बाद अंतिम यात्रा मारवाड़ी श्मशान घाट पहुंची, जहाँ विधिपूर्वक उनका अंतिम संस्कार किया गया। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल, नेता प्रतिपक्ष श्महंत, मंत्री  रामविचार नेताम,  टंकराम वर्मा, विधायक  अनुज शर्मा,  मोतीलाल साहू,  पुरंदर मिश्रा,  इंद्र कुमार साहू,  सुनील सोनी, पूर्व राज्यपाल  रमेश बैस, भाजपा संगठन महामंत्री श पवन साय पूर्व विधायक  इंद्र देव राय  संतोष बाफना, श्री विकास उपाध्याय, श्री कुलदीप जुनेजा, निगम मंडल आयोग के अध्यक्षगण, राजनीतिक, सामाजिक और व्यावसायिक संगठनों के प्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक और हजारों की संख्या में लोग उपस्थित रहे।

श्री रामजीलाल जी अग्रवाल को श्रद्धांजलि

लोगों ने श्रद्धापूर्वक श्री रामजीलाल जी अग्रवाल द्वारा किए गए कार्यों और समाज में उनके अतुलनीय योगदान को याद किया। उनका जीवन निस्वार्थ सेवा, करुणा और परोपकार का प्रतीक रहा। जो भी उनके पास गया, वह कभी खाली हाथ नहीं लौटा। उन्होंने बिना किसी भेदभाव के हर जरूरतमंद की मदद की, चाहे वह किसी भी जाति, धर्म या वर्ग का हो।

उनका मिलनसार और सरल स्वभाव हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करता था। वे न केवल एक सच्चे समाजसेवी थे, बल्कि इंसानियत की मिसाल भी थे। आज जब वे हमारे बीच नहीं हैं, तब भी उनका जीवन हमें प्रेरणा देता रहेगा।

श्री बृजमोहन अग्रवाल ने अपने परिवार की ओर से सभी श्रद्धेय अतिथियों, शुभचिंतकों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, राजनीतिक साथियों, प्रशासन और आम नागरिकों का हृदय से धन्यवाद करते हुए कहा कि, जिन्होंने इस दुख की घड़ी में हमारी भावनाओं को समझा, सहभागी बने और पिताजी को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की।
आप सभी की संवेदनाओं और सहयोग ने हमें यह कठिन समय सहने की शक्ति दी है।

Author: Sudha Bag

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