एक अनोखी प्रेम कहानी ।

आइये सुनते है आज एक अनोखी कहानी जो है *एक प्रेम कहानी* जो लिंग भेद से ऊपर है, समाज, परिवार, अच्छा, बुरा, सही, गलत सब से ऊपर जिनके लिए सिर्फ प्रेम । जिनके लिए एक दूसरे में ही उनकी पूरी दुनियां है, वो है सिंदूर और स्पूर्ती । आइये जानते है उनकी कहानी उनकी ही ज़ुबानी ।

मेरा नाम सिंदूर है , मैं और स्पूर्ती रिश्तेदार थे । वह मेरे चचेरे भाई की बेटी है । उसके माता-पिता ने मुझे अपने जन्म से देखा है । जिस तरह से मैं अपने शब्दों की व्यक्ति हूं, मैं थोड़ी गुसेल स्वभाव की भी हूँ, पर वो एकदम शांत और बहुत ही प्यारी है । हमारे प्यार को जब उसने स्वीकार किया तो चीजें पूरी तरह से बदल गई । सपने की तरह लगता है कि स्पूर्ती के जन्म से ही हमेशा के लिए हमारे भाग्य के लेख लिखा गए थे । जब हम बैंगलोर में शिफ्ट हुए, तब वह मेरे घर आती थी, जब वह अपनी 6 वीं कक्षा में थी तब मैं अपने बी.कॉम में थी और साथ ही मैंने तब से काम करना भी शुरू कर दिया था । उस समय कहा पता था की वो मेरे जीवन में प्यार बन जाएगी और मेरे जीवन के बाकी हिस्सों में बस जाएंगी । 15 साल के बाद यह सब हमारे जीवन ने फिर से दोहराया । हम फिर से साथ हो गए, लेकिन इस बार हमारे रिश्ते का नाम ही बदल गया था । इस बार वह सिर्फ मेरे चचेरे भाई की बेटी नहीं रही बल्कि अब वह मेरी ज़िंदगी है, मेरी जीवनसाथी है जिसके बिना मैं एक दिन भी नहीं रह सकती । बचपन से ही मुझे लड़कियों में दिलचस्पी रही थी, लेकिन समाज और हमारी संस्कृति के कारण मैं अकेली रह गई थी । ऐसा लगता था की कोई तो खुल कर बाहर आने का रास्ता दिखाए । भले ही मैं पहले लड़कियों के साथ कई रिश्ते में थी पर समाज में बाहर नहीं आ सकती थी, और न ही अपनी भावनाओं को सबके सामने रख सकती थी । लेकिन जब मैंने स्पूर्ति को देखा तो मुझे कुछ भी ध्यान नहीं रहा । मेरे लिए सिर्फ मायने रखता था हमारा प्यार, हमारा भविष्य और हमेशा के लिए उसका बन जाना एहि एकमात्र सच है आज मेरा । हम सभी को यह समझाना चाहते हैं कि “प्यार सिर्फ प्यार है” कोई अपराध नहीं । प्रेम लिंग से परे है । आपको प्यार करने के लिए दो लोगों की आवश्यकता है न कि लिंग की । मेरे अनुभव, इच्छा, प्यार, विश्वास सब कुछ स्पूर्ती ही है आज । आज पूरे समाज के सामने मैंने उसे अपनी पत्नी का दर्जा दिया है और आज हम साथ रहते है। मुझे पता है कि लोगों के लिए यह बहुत बड़ी बात है, लेकिन मैं बस इतना कहूंगी की प्यार को प्यार रहने दो किसी दायरे में ना बांधो । हर इंसान को प्यार करने का और प्यार पाने का पूरा हक होता है तो सब को अपने प्यार के साथ जीने का अधिकार दिया जाए ।

श्रीमती यशा ¥ की रिपोर्ट 🖋️

Author: Sudha Bag

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *