रायपुर कांग्रेस के द्वारा बुलाये गये छत्तीसगढ़ को जनता का भरपूर समर्थन मिला। राजधानी रायपुर सहित बस्तर, सरगुजा, बिलासपुर, कवर्धा, दुर्ग, बलौदाबाजार, गरियाबंद, महासमुंद, धमतरी, भिलाई, बेमेतरा, राजनांदगांव, जगदलपुर, सुकमा, नारायणपुर, कोण्डगांव, बीजापुर, कांकेर, दंतेवाड़ा, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही, मुंगेली, कोरबा, जांजगीर चांपा, रायगढ़, जशपुर, बलरामपुर, कोरिया सहित प्रदेश के सभी छोटे-बड़े शहर में व्यापारियों और जनता ने अपने प्रतिष्ठानों को बंद रखा। साय सरकार की नाकामी, बिगड़ती कानून व्यवस्था तथा कवर्धा के लोहारीडीह में की गयी पुलिस की बर्बरता तथा पुलिस की पिटाई से प्रशांत साहू की मौत को लेकर कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ बंद का आह्वान किया था जिसका जनता ने भरपूर समर्थन किया। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज राजधानी की सड़कों में स्वयं बंद की अपील करने निकले।
बंद की सफलता के बाद पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज ने राज्य की जनता और व्यापारियों का आभार व्यक्त करते हुये कहा कि चेंबर ऑफ कामर्स ने हमें लिखित समर्थन नहीं दिया था, लेकिन प्रदेश के सभी छोटे-छोटे, अलग-अलग व्यवसायिक संगठनों ने बंद का समर्थन किया और अपने दुकानों प्रतिष्ठानों को बंद रखा। रोज-रोज की अपराधिक घटनाओं से पूरे प्रदेश में भय का माहौल बना हुआ है। सरकार आम आदमी को सुरक्षित माहौल देने में नाकामयाब साबित हो रही है। अपराधिक तत्वों के हौसले बुलंद हो गये। लोगों को जिंदा जलाया जा रहा, महिलाओं के साथ सामूहिक दुराचार की घटनायें बढ़ गयी, एसपी, कलेक्टर कार्यालय जलाये जा रहे, राज्य में 9 महीने में ही दो कलेक्टर, दो एसपी को सजा के बतौर हटाया गया तथा निलंबित करना पड़ा उसके बाद भी सरकार अपनी आत्ममुग्धता में लगी हुई है। इन सभी घटनाओं की नैतिक जवाबदारी गृहमंत्री की बनती है, मुख्यमंत्री अपनी जवाबदेही समझे गृहमंत्री को बर्खास्त करें।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि छत्तीसगढ़ बंद आम आदमी का राज्य सरकार की विफलता और बिगड़ते कानून व्यवस्था के खिलाफ प्रतिरोध था। कांग्रेस जनता के हितों की लड़ाई आगे भी लड़ती रहेगी। प्रशांत साहू को अभी न्याय नहीं मिला है। प्रशांत साहू की मौत की जांच के कोई आदेश अभी तक सरकार ने नहीं दिया है। हम दोषियों के खिलाफ कार्यवाही होने तक लड़ाई जारी रखेंगे। कांग्रेस सरकार को मजबूर कर देगी वह कानून व्यवस्था की स्थिति सुधारने के लिये ठोस कदम उठाये।