पशुधन को रखने गोठानों का ताला खोले सरकार

 

रायपुर/ 06 अगस्त 2024। राज्य सरकार के द्वारा 15 अगस्त को तीन गौ अभ्यारण बनाने की शुरुआत करने पर सवाल उठाते हुए प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने पूछा की भाजपा सरकार प्रदेश की जनता को बताये तीन गौ अभ्यारण में प्रदेश की सवा करोड़ पशुधन कैसे रहेंगे? इनमे 64 प्रतिशत गौवंश है कांग्रेस की सरकार ने पशुधन की संख्या को देखते हुए प्रदेश में 10000 से अधिक गौठानों का निर्माण किया था। जिसके चलते पूरे प्रदेश में साढ़े तीन लाख सरकारी जमीन सुरक्षित हुआ था। जिसमें से 6000 से अधिक गौठान आत्मनिर्भर बन गए थे। जिन्हे महिला स्वास्थ्य समूह संचालित करती थी। जहां सरकार एक रुपए भी खर्च नहीं करती थी। इस योजना की तारीफ नीति आयोग ने भी किया था औऱ अन्य प्रदेशो को लागु करने की सिफारिश भी किया था। भाजपा की सरकार बनते ही इन गौठानों में ताला लगा दिया गया है। जिसके चलते पशुधन भटक रहे हैं। किसान फसलों की चराई से परेशान है और सड़कों में भी पशुधन के चलते दुर्घटनाएं हो रही। भाजपा की सरकार बनने के बाद प्रदेश में 8 महीने में ही लगभग 800 से अधिक पशुधन की दुर्घटना से मौत हो गई है।

प्रदेश कांग्रेस वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा सरकार राजनीतिक दुर्भावना के कारण गौठानों में ताला लगा दिया है। उसे तत्काल खोलें जिसे पशुधन को रहने का उचित स्थान मिल सके। भाजपा सरकार के द्वारा गौ अभ्यारण बनाने का दावा किया जा रहा है वह हवा हवाई है इससे न तो पशुधन को कोई लाभ होगा न किसानों को।

प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस की सरकार ने पशुधन पशुपालक किसान और महिला स्वास्थ्य समूह को लाभ पहुंचाने के लिए गोधन न्याय योजना की शुरूआत किया था। गौठानों का निर्माण किया था। गोठानों में पशुधन के लिए चारा पानी दवाईयां उनके व्यवस्थाएं थी। किसान पैरा दान करते थे। महिला स्व सहायता समूह इन गौठानों के माध्यम से 2 रु किलो में गोबर और 4 रु लीटर में गोमूत्र की खरीदी करके गोबर से वर्मी कंपोस्ट, पेंट, दीया, गुलाल और अन्य प्रकार के उत्पाद बनाकर आर्थिक लाभ कमाते थे। गौठानों का संचालन करते थे। गोधन न्याय योजना के चलते प्रदेश में दुग्ध उत्पादन बढ़ा था पशुधन के नस्ल में सुधार हुआ था और सड़को में होने वाली दुर्घटनाये रुकी थी। भाजपा सरकार गौधन न्याय योजना को पुनः शुरू करे एवं गोठानो का ताला खोले।

Author: Sudha Bag

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *