रायपुर(Raipur)(छत्तीसगढ़) छत्तीसगढ़ किताब घोटाले के जाँच कमेटी के सदस्य व पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने बताया कि छत्तीसगढ़ में 150 करोड़ से भी अधिक के किताब घोटाले की जाँच हेतु छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा महत्वपूर्ण जाँच समिति का गठन किया गया।
जिसमें सदस्य के रूप में पूर्व विधायक विकास उपाध्याय, पुर्व सांसद छाया वर्मा,पूर्व विधायक अनीता शर्मा, ग्रामीण जिलाध्यक्ष उधोराम वर्मा, कुमार मेनन,पप्पू राजेन्द्र बंजारे,की महत्वपूर्ण बैठक राजीव भवन में आहूत हुई।
सदस्यों की आम सहमति से महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए जैसे की समिति ने सबसे पहले निर्णय लिया कि यह किताब घोटाला लगभग 100 करोड़ का है लेकिन परत दर परत खुलने के पश्चात यह घोटाला डेढ़ सौ करोड़ के पार जा रहा है, शासकीय जांच समिति पर प्रश्न चिन्ह एवं संदेह है कहा , शासकीय जांच समिति पर प्रशासनिक साजिश हो रहा है जांच समिति से काफी लोगों को हटाने की मांग सेक्रेटरी रेनू पिल्ले से मिलने एवं 5 बिंदु पर चर्चा करना है , छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में 5 से 10 करोड़ की किताबों को डंप करने का अंदेशा है, पाठ्य पुस्तक माफिया के बारे में श्वेत पत्र समन जारी करें, पाठ्य पुस्तक छपाई पर नई नीति बनाने की मांग, हर जिले में सैकड़ो बच्चों को पुस्तक नहीं मिलने के आप के साथ ही सत्र के आधा समय बीत जाने के बाद भी पुस्तक उपलब्ध नहीं कराने के आरोप, पाठ्य पुस्तक का छपाई भंडारण वितरण एवं प्राप्ति के समय दस्तावेज उपलब्ध कराने की मांग ।
घोटाले पर लीपापोती करने एवं पुस्तक में बड़े पैमाने पर नष्ट करने का और दबाने का आरोप कांग्रेस की जांच समिति ने बैठक में लगाया उपाध्याय ने कहा कि15 सितम्बर 2024 को सिलयारी के पेपर मील में लाखों किताबें कबाड़ में मिलने के पश्चात् इस महाघोटाले का पर्दाफाश हुआ, उसके पश्चात् राजनांदगांव के कबाड़ में भी लगभग 30 टन और 2 लाख किताबें मिली, जिसे जाँच अधिकारियों के समक्ष कबाड़ियों द्वारा कबूला गया कि पाठ्यपुस्तक निगम राजनांदगांव गोदाम से लगभग 30 टन किताबें अगस्त माह में खरीदी गई थी तथा स्टेट स्कूल परिसर में स्थित छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम के गोदाम से करीब 2 लाख की किताबें अगस्त माह में ही कबाड़ियों को बेची गई थी। कांग्रेस पार्टी द्वारा बनाई गई जांच समिति आने वाले दिनों में छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े किताब महा घोटाला को लेकर जनता के बीच भी जाएगी l