इस बारें में बात करते हुए मंत्री रामविचार नेताम ने कहा, छत्तीसगढ़िया रोज बोरे बासी खाते है। कांग्रेस सरकार ने बोरे-बासी का अपमान किया था।
प्रदेश की साय सरकार नहीं खायेगी ‘बोरे बासी’.. कहा, हुआ अपमान.. सरकारी दबाव में कांटा-चम्मच से खाते थे अफसर..
छत्तीसगढ़ी संस्कृति को बढ़ावा देने की दलील के साथ पूर्ववर्ती सरकार की तरफ से प्रदेश भर में बोरे-बासी दिवस का आयोजन किया जाता था। तत्कालीन भूपेश बघेल की सरकार में यह दिवस हर साल के पहले मई को मनाती थी। इस मौके पर राज्य भर के कांग्रेस नेता और अधिकारी-कर्मचारी बोरे बासी खाकर इस दिवस को मनाते थे। एक मई मजदूर दिवस होने की वजह से सरकार की दलील थी कि वह इस माध्यम से श्रम शक्ति को भी नमन कर रहे हैं।अब प्रदेश में सरकार और हालात दोनों बदल चुके हैं। लिहाजा इस बार नई सरकार ने यह दिवस मनाने से साफ़ इंकार कर दिया हैं। प्रदेश सरकार के मंत्री ने इसके साथ ही पूर्ववर्ती सरकार पर इस दिवस को लेकर कई बड़े और गंभीर आरोप भी लगाए हैं। उन्होंने बोरे बासी दिवस के नाम पर भूपेश सरकार द्वारा भ्रष्टाचार किये जाने का भी दावा किया हैं।इस बारें में बात करते हुए मंत्री रामविचार नेताम ने कहा, छत्तीसगढ़िया रोज बोरे बासी खाते है। कांग्रेस सरकार ने बोरे-बासी का अपमान किया था। अधिकारी सरकार के दबाव में काटा चम्मच में बासी खाते थे। यहाँ कांग्रेस सरकार मजदूरों के बोरे-बासी में भी पैसे खा गई। कांग्रेस सरकार ने छत्तीसगढ़िया संस्कृति का अपमान किया हैं।