संविदा कर्मचारियों को एक साथ मिली जिंदगी भर की खुशियां, नियमितीकरण का आदेश जारी

नई दिल्ली: Contract Employees Regularised Order एक ओर जहां देश में लोकसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लगी है। वहीं दूसरी ओर नियमितीकरण की आस में बैठे लाखों कर्मचारियों को एक बड़ी सौगात मिली है। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को प्रदेश के लाखों अनियमित कर्मचारियों को नियमित करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही सरकार ने उन्हें याचिका दायर करने की तिथि से वित्तीय लाभ देने को कहा है। हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद हरियाणा के लाखों कर्मचारियों में खुशी की लहर दौड़ गई। कर्मचारियों का कहना है कि वे लंबे वक्त से इसका इंतजार कर रहे थे। कई लड़ाई लड़ी। इसके फलस्वरूप यह फैसला आया है।

 

Contract Employees Regularised Order बता दें कि प्रदेश में अनियमित कर्मचारियों की संख्या लाखों में हैं। लंबे वक्त तक नियमितीकरण का लाभ नहीं मिलने पर अनियमित कर्मचारी संघ ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी और उन्हें नियमित करने की मांग की थी। यमुनानगर निवासी ओम प्रकाश व अन्य कर्मचारियों ने याचिका में कहा था कि वे राज्य में दो दशक से अधिक समय से सेवा दे रहे हैं, लेकिन उनकी सेवाओं को 2003 की नीति आने के बावजूद नियमित नहीं किया गया और ना ही कोई लाभ मिला, जबकि अन्य को नियमित कर दिया गया है। इससे उन्हें आर्थिक हानि हो रही है।

 

Contract Employees Regularised Order चौटाला सरकार के समय आई थी नीति

Contract Employees Regularised Order गौरतलब है कि एक अक्टूबर 2003 को जारी की गई नियमितीकरण नीति के तहत अपनी सेवाओं के वे नियमितीकरण के हकदार थे। सभी पक्षों को सुनने के बाद पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के हाई कोर्ट के जस्टिस हरसिमरन सिंह सेठी ने फैसला सुनाते हुए कहा कि 2003 में ओमप्रकाश चौटाला सरकार में आई नीति के तहत पक्के होने के योग्य थे। यदि राज्य सरकार ने कच्चे कर्मियों को नियमित करने के लिए नीति जारी की है तो बिना भेदभाव के प्रत्येक कर्मचारी पर इसे लागू किया जाना चाहिए।

Author: Sudha Bag

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