मोदी जी हर प्रोटोकाल से बड़े है। इस वाक्य से उन्होंने ये भी साबित कर दिया कि वह खुद को देश की प्रथम नागरिक, पहली आदिवासी राष्ट्रपति से भी बड़ा समझते है ,राष्ट्रीय प्रवक्ता राधिका खेड़ा

 

रायपुर/08 अप्रैल 2024। प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में पत्रकारवार्ता को संबोधित करते हुये एआईसीसी की राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं छत्तीसगढ़ की मीडिया प्रभारी राधिका खेड़ा ने कहा कि आज मोदी जी छत्तीसगढ़ की पावनधारा में आये और उनके आने से पहले छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री दीपक बैज जी ने उन्हें तीन चुनौती दी थी, चायलेंज दिये थे कि
1. अगर असल मायने में बस्तर वासी व आदिवासी हितैषी है तो मन से आज मोदी जी ऐलान करें कि नगरनार स्टील प्लांट का निजीकरण नहीं करेंगे और स्थानीय लोगों को वहां रोजगार की प्राथमिकता दी जायेगी।
2. छत्तीसगढ़ के राज्यपाल से लंबे समय से आदिवासियों की 32 प्रतिशत की फाईल रखी हुयी है। दो राज्यपाल बदल गये परंतु वो फाईल वहीं के वहीं है। छत्तीसगढ़ की आदिवासी जनता को इंतजार है वो फाईल के पास होने का और मोदी जी उस पर अपनी चुप्पी तोड़े।
3. हसदेव सरगुजा में लाखो पेड़ अपने मित्र आडानी की माईनिंग के लिये जो मोदी जी कटावा रहे है उसे रोकने का ऐलान करें।
लेकिन हुआ वही जो हमेशा से होता हैं जो सब पहले से ही जानते है। केवल जुमलेबाजी, लछेदार नारे देकर मोदी जी चल दिये।
बस्तरवासियों की एक भी मूल समस्या का, उनसे जुड़े परेशानियों का उन्होंने उत्तर नहीं दिया। ”म“ से मोदी जी ने इन सभी बातो पर ”म“ से मौन कायम रखा।
इससे समझ आता है न कि मोदी सरकार न आदिवासी हितैषी है न गरीब हितैषी है। व केवल “उद्योगपति” हितैषी है।

मोदी जी ने आज हव को लेकर बड़ी-बड़ी बाते की। देश को पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति व प्रदेश को पहले आदिवासी मुख्यमंत्री देने की बात कही।
लेकिन ये जो जग जाहिर है कि मोदी जी ने लगातार बार-बार हमारी राष्ट्रपति महामहिम का अपमान किया है। नये संसद के उदघाटन से हमारी राष्ट्रपति को दूर रखा गया। जबकि पहला हक उद्घाटन का महामहिम का था। देश के प्रथम आदिवासी राष्ट्रपति को उद्घाटन में बुलाया तक नहीं गया।
कुछ दिन पहले अडवाणी जी को भारत रत्न दिया जा रहा था, तो राष्ट्रपति जी खड़े होकर अडवाणी जी को सम्मानित कर रही थी और मोदी जी बैठे-बैठे ठहाके लेकर हस रहे थे।
प्रोटोकाल के अनुसार जब महामहिम खड़ी हो तो कोई भी नागरिक चाहे वो प्रधानमंत्री क्यों न हो बैठे नहीं रह सकता। उनको भी खड़ा रहना होता है। लेकिन मोदी जी हर प्रोटोकाल से बड़े है। इस वाक्य से उन्होंने ये भी साबित कर दिया कि वह खुद को देश की प्रथम नागरिक, पहली आदिवासी राष्ट्रपति से भी बड़ा समझते है।

बार-बार रैली में खुद को गरीब बताकर मोदी जी कह रहे थे कि वो गरीबों का दर्द समझते है, महंगाई की मार समझते है। लेकिन असलियत कोसो मिल दूर है। 2014 के पहले जो 10 किलो आटा 210 रू. में मिलता था, वो मोदी सरकार के राज में 410 रू. मिल रहा है।

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ऊपर दिये गये टेबल में मोदी सरकार से पूर्व 2013 के दाम है और साथ ही मोदी सरकार में उन्हीं वस्तुओं के आज के दाम है। बस महंगाई की मार ये है मोदी सरकार।

मोदी जी ने मुफ्त कोविड वैक्सीन देने का एक और झूठ बस्तर की जनता को बोला। जबकि सच्चाई ये है कि 19 अप्रैल 2021 को केन्द्र सरकार ने राज्य सरकार को 18 से 44 साल के लोगों को वैक्सीन लगाने की जिम्मेदारी दे दी। अर्थात राज्य सरकारें राज्य के लोगों के पैसे से वैक्सीन केन्द्र सरकार से खरीदेंगी। इसके पश्चात 12 मई 2021 को 12 विपक्ष के नेताओं ने प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखकर राज्य सरकारों को वैक्सीन मुफ्त में देने की अपील की। इसके बाद 31 मई 2021 को सुप्रीम कोर्ट ने संशोधित टीकाकरण नीति को मनमाना और तर्कहीन करार दिया और मोदी सरकार को 13 जून 2021 तक इसकी समीक्षा करने का आदेश दिया। तभी 7 जून 2021 को प्रधानमंत्री मोदी ने एक सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम की घोषणा की। मुफ्त में वैक्सीन देने की न मंशा थी न नीति न नियत। ये सिर्फ विपक्ष और सुप्रीम कोर्ट के दबाव में आकर किया गया।

खैर, जो शहीद जवान के नाम पर वोट मांग सकते है, वे झूठ क्रेडिट लेकर तो वोट मांग ही सकते है।

मोदी जी ने आज भ्रष्टाचार की बड़ी-बड़ी बाते की। उनका भाषण सुनके मुझे निरमा वाशिंग पावडर का ऐड याद आ गया। लेकिन अब शब्द बदलकर कुछ इस तरह हो गये –

मोदी-मोदी वाशिंग पावडर मोदी
भ्रष्टाचार से सफाई मोदी से आये
बीजेपी वाशिंग मशीन में घुलते ही भ्रष्टाचार मिट जाये
मोदी-मोदी वाशिंग पावडर मोदी

अजीत पवार हो या हेमंत बिश्व शर्मा जिसके खिलाफ स्वंय गृहमंत्री श्री अमित शाह ने 30 पेज की किताब निकाल कर उसे विश्व का सबसे भ्रष्टाचारी आदमी बताया था, या प्रफुल्ल पटेल हो या कोयला घोटाले वाले जिंदल सब गरीबो का पैसा लूट के, भ्रष्टाचार करके बीजेपी में शामिल होकर अब भ्रष्टाचार मुक्त हो गये है। ये कैसी भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई है, जहां इन भ्रष्टाचारियो से युक्त मोदी जी की भाजपा हो रही है।

आज मोदी जी ने रामलला को भी नहीं बख्शा उनका नाम लेकर भी झूठ बोल दिया। कांग्रेस ने किसी को भी प्राण प्रतिष्ठा में जाने के लिये नहीं निकाला था। अनुशात्मक कार्यवाही लगातार कांग्रेस नेतृत्व पर गलत टिप्पणियां और सार्वजनिक पटल पर पार्टी की नीतियों पर अपशब्द बोलने पर निकाला गया।

आखिर में मोदी जी ने बस्तर की जनता को, कांकेर की जनता को बहुत बड़ा झूठ बोला। मोदी जी ने कहा कांग्रेस की सरकार सिर्फ 8 से 10 वनोपज एमएसपी पर खरीदती थी और उनकी सरकार आज 100 वनोपज खरीद रही है।
इससे बड़ा झूठ हो नहीं सकता। सच्चाई ये है कि 15 साल के रमन सिंक के शासन में भाजपा की सरकार केवल 7 वनोपज एमएसपी में लेती थी। कांग्रेस की भूपेश बघेल की सरकार ने पिछले 5 साल में इसकी संख्या बढ़ा कर 72 कर दी। कांग्रेस की सरकार 72 वनोपज एमएसपी पर खरीद रही थी।

मोदी जी की एक ही नीति- झूठ बोलो जोर से बोलो बार-बार बालो।

आज बस्तर में मांझे का चरखी मोदी जी के जुमलो को लपेटते-लपेटते कम पड़ गये।

पत्रकारवार्ता में प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला, प्रदेश कांग्रेस वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर, घनश्याम राजू तिवारी, सुरेन्द्र वर्मा, विकास तिवारी, मीडिया कोऑर्डिनेटर रिषभ चंद्राकर उपस्थित थे।

 

Author: Sudha Bag

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