रायपुर/07 मार्च 2024। प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि इलेक्ट्रोरल बॉन्ड के जरिए भाजपा ने हजारों करोड रुपए की अवैध उगाही की है। इलेक्ट्रोरल बॉन्ड से भाजपा को हजारों करोड़ रुपए देने वाले कौन लोग हैं? इसकी जानकारी एसबीआई को देने में ऐतराज़ क्यों है? बीते 10 वर्षों में मोदी की सरकार ने जिन उद्योगपतियों को सरकारी कंपनियों को कौड़ी के मोल बेचा है। बैंकों के कर्जदार पूंजीपतियों को राहत पहुंचाने के लिए काम किया है वहीं लोगों ने इलेक्ट्रोरल बॉन्ड के माध्यम से करोड़ों रुपए भाजपा को बतौर चंदा दिया है? अब माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश के बाद भी एसबीआई हठधर्मिता दिखाते हुए भाजपा के अवैध कमाई को पर्दा करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की अवहेलना कर रही है और देश की जनता के आंखों में धूल झोंक रही है।
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा को इलेक्ट्रोरल बॉन्ड के माध्यम से आर्थिक मदद करने वालों में कई बीफ सप्लायर कंपनियां भी हो सकती है? कई तस्करी में शामिल लोग भी हो सकते हैं? जुआ सट्टा खिलाने वाले लोग भी सहयोगी हो सकते हैं? कुछ विदेशी कंपनिया जो भारत में व्यापार कर रही है यह भी लोग अपने व्यापार व्यवसाय को संरक्षण देने के लिए भाजपा को इलेक्ट्रोरल बॉन्ड के माध्यम से मदद किए हैं? कई फर्जी एनजीओ संचालित करने वाले लोग भी सरकारी योजनाओं का लाभ लेकर बतौर कमीशन भाजपा को इलेक्ट्रोरल बॉन्ड से चंदा दिए हैं? 35 से अधिक ऐसी कंपनियां है जिसके यहां ईडी छापा मार कार्यवाही करती है और वही कंपनियां एक दिन में भाजपा को 30 करोड़ रुपए से अधिक की चंदा इलेक्ट्रोरल बॉन्ड के माध्यम से देती है।
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि एसबीआई को बहाना बनाने के बजाय इलेक्टोरल बांड खरीदने वालों का नाम सार्वजनिक करना चाहिए कि देश को पता चल सके आखिर वह कौन लोग हैं जिसे भाजपा अवैध कमाई की है क्या भाजपा के नेता चंदा के लिए किसी को डराया धमकाया है यह भी अब सार्वजनिक होगा भाजपा अवैध कमाई से देश की लोकतंत्र के विपरीत जाकर बनी हुई सरकारों को गिराती है हजारों करोड़ रुपए चुनाव में खर्च करती है और चुनाव जीतने के बाद अपने सहयोगियों को फिर लाभ पहुंचाती है देश का किसान गरीब मजदूर छात्र महिलाएं छोटे मंझौल व्यापारी सब मुंह ताकते रहते हैं देश हित में एसबीआई को सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के तहत तत्काल इलेक्ट्रोरल बॉन्ड खरीदने वालों का नाम सार्वजनिक करना चाहिए