रामलला के ननिहाल में पहली बार सुनें और देखें श्री राम मंदिर के 500 वर्षों का इतिहास ‘गाथा श्रीराम मंदिर की’

 

रामलला के ननिहाल में पहली बार सुनें और देखें श्री राम मंदिर के 500 वर्षों का इतिहास ‘गाथा श्रीराम मंदिर की’

रायपुर 17 जनवरी
पूरे देश और दुनिया में प्रभु श्री राम के आने की प्रतीक्षा हो रही है। हर किसी को 22 जनवरी का इंतजार है जब अयोध्या में भगवान श्री राम 500 से अधिक वर्षों के बाद मंदिर में पुनः विराजनान होंगे। राम महोत्सव को लेकर देश भर में विभिन्न तरह के आयोजन किए जा रहे हैं। इसी के तहत भगवान श्री राम के ननिहाल छत्तीसगढ़ में 20 जनवरी को छत्तीसगढ़ संस्कृति विभाग के प्रयोजन से पुलिस परेड ग्राउंड में ‘गाथा श्रीराम मंदिर की’ का आयोजन होने जा रहा है।

इस गाथा में 500 साल पहले आक्रांताओं द्वारा मंदिर तोड़े जाने और इसके बाद से शुरू श्रीराम जन्मभूमि को मुक्त कराने की गाथा सुनाई जाएगी। कार्यक्रम पुलिस परेड ग्राउंड, पुलिस लाइन बैरन बाजार में शाम 6 बजे से आरंभ होगा। 75 मिनट की इस गाथा में आपके सामने 2000 से अधिक वर्षों का इतिहास नजर आएगा।
धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल ने पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस परेड ग्राउंड में 20 जनवरी शाम 6ः00 बजे “गाथा श्रीराम मंदिर की संगीतमय महागाथा का आयोजन होने जा रहा है। इसमें अयोध्या के राम मंदिर की वर्ष 1525 से लेकर जनवरी 2024 तक की कहानी का संगीतमयी वर्णन होगा।

यह प्रस्तुति एक लाइव म्यूजिकल बैंड के साथ होगी। श्रीराम जन्मभूमि की तपस्या एवं संघर्ष की सत्य गाथा के इस कार्यक्रम में प्रवेश निःशुल्क रहेगा। श्रीराम मंदिर की महागाथा को सुर-संगीत में श्रद्धालु देख और सुन सकेंगे।

इस गाथा में श्रीराम से चल कर लवकुश से शुरू होकर अयोध्या पर हुए तमाम हमलों और अयोध्या के रक्षकों की चर्चा होती है जिसमें हर उस महत्वपूर्ण व्यक्ति का नाम है, जो अयोध्या और श्रीराम मंदिर से सम्बद्ध है। साथ ही राजा विक्रमादित्य और माँ अहिल्याबाई होल्कर द्वारा मंदिर के जीर्णोद्धार, बैरागी साधुओं के संघर्ष, गर्भगृह से रामलला का निकाला जाना, गर्भगृह में रामलला का प्रकट होना, कार सेवा, कोठारी बन्धुओं के बलिदान, राजनीतिक उथल-पुथल और वर्तमान निर्माणाधीन मंदिर की भव्यता, दिव्यता और उसके पीछे केंद्र और राज्य सरकार के संकल्प का चित्रण किया गया है।

गाथा श्री राम मंदिर आयोजन के प्रायोजक संस्कृति विभाग छत्तीसगढ़ शासन, सह प्रायोजक रामराज मिनरल्स एवं कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड, आयोजन कर्ता फ्रेमफॉक्स मीडिया एवं संत कबीर जन कल्याण समिति तथा सहयोगी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, नवबोध प्रकाशन, पूज्य शदाणी दरबार तीर्थ स्थल, सिंधी काउंसिल ऑफ इंडिया छत्तीसगढ़ इकाई है।

Author: Sudha Bag

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