उड़िया समाज का महापर्व आराध्य देवी देवताओं को सम्परपित
यह त्यौहार कृषि प्रधान पर्व हैं चूंकि छत्तीसगढ़ प्रदेश को धान का कटोरा कहा जाता है। इस लिए इस त्यौहार का महत्व और बढ़ जाता है। वर्ष के प्रथम फसल को अपने आराध्य देवी देवताओं को आह्वाहन कर उन्हें अर्पित करते
है और समस्त समाज एक दिन एक समय में पूजा अर्पण कर है। छत्तीसगढ़ प्रदेश एवं देश के उन्नती, खुशहाली विश्व कल्याण के लिए हम प्रार्थना करते है। उसके बाद ही समस्त परिवारजन एक साथ बैठ कर महाप्रसाद को ग्रहण करते है। यह नुआखाई पर्व पुरातन काल से कृषि प्रधान उड़िया परिवार हर्षोल्लास के साथ मनाते आ रहा है। इसी परिपेक्ष्य में दिनांक 15 सितम्बर 2023 दिन शुक्रवार को सौहार्दपूर्ण अपने संस्कृति एवं सभ्यता को दर्शाते हुए राजधानी के प्रमुख चौक चौराहे से एकता संदेश देते हुए शोभा यात्रा निकाला जायेगा। जिसमें लगभग 10 हजार से भी अधिक संख्या में समाज जन नगर किर्तन पारंपरिक पोषाक एवं वादयों के साथ सम्मिलित होने की संभावना है। शोभा यात्रा की खास बात ये रहेगी कि राष्ट्रीय स्तर पर बोक्सींग में गोल्ड मेडल प्राप्त कर समाज का नाम रोशन करने वाली समाज की बेटी मानसी तांडी समेत संस्कृति, कला एवं खेल के क्षेत्र में अन्य प्रतिभावान छात्र / छात्रा खिलाड़ी सम्मिलित होंगे। बुढ़ी माता मंदिर राजेन्द्र नगर, से प्रारंभ होने वाला यह शोभा यात्रा अपने संस्कृति को दर्शाते हुए मधुसूदन दास चौक में समाप्त होगा।