युवाओं को सिर्फ़ जोश देने की आवश्यकता नहीं है उन्हें दिशा देने की ज़रूरत है .समाज के प्रबुद्ध वर्ग का यह दायित्व है. पैसा कमाने की दौड़ में नैतिकता का परित्याग नहीं करना है. समाज में जीना है तो हिम्मत से जीना है और अच्छा जीवन जीना है. लड़ना है तो हिंसा के बजाय अहिंसात्मक तरीक़े से लड़ना है . मुझे लगता है कि युवा नये समाज के लिये परिवर्तन का वाहक बन सकता है. युवाओं की इच्छा शक्ति को और ताकतवर बनाने से दुनिया में बदलाव आ सकता है. तभी मूल्यों पर आधारित शांति और न्यायपूर्ण समाज का निर्माण किया जा सकता है.
ग़रीबों की सामाजिक सांस्कृतिक आध्यात्मिक ताक़त , युवाओं की ताक़त , समाज के विभिन्न वर्गों की एकजुटता की ताक़त और अहिंसक तरीक़े से सामाजिक बदलाव की ताक़त इन चार स्तंभों के ज़रिये आधुनिक समय में काम हो सकता है.
यह बात युवा संसद में प्रख्यात गांधीवादी समाजसेवी और एकता परिषद के संस्थापक राजगोपाल पी वी ने छत्तीसगढ़ स्तरीय युवा संवाद में कही .
राजागोपाल पी वी ने युवाओं से बातचीत की और उनके विभिन्न सवालों का जवाब दिया . उन्होंने कहा कि हमें रहना है अहिंसात्मक समाज में इसलिए रास्ता भी अहिंसा का होना चाहिए. सभी क्षेत्रों मे अहिंसक विचारों की ज़रूरत है. विकास के लिये , अर्थव्यवस्था के लिये , कृषि के लिये , जल जंगल ज़मीन के लिये , शिक्षा के लिये सबके लिये .और सबसे ज़रूरी है इसको व्यवहारिक और जीवन में उतारने लायक़ सरल बनाना . इस समारोह मे राजगोपाल पी वी को जापान के निवानो अंतराष्ट्रीय शांति पुरस्कार मिलने के अवसर पर नागरिक सम्मान भी किया गया .
युवा संवाद और नागरिक अभिनंदन समारोह को संबोधित करते हुये दोस्त संस्था के संस्थापक और सामाजिक कार्यकर्ता डॉ सत्यजीत साहू ने कहा कि गांधी के आदर्शों को आज के हिसाब से हमें जीवन में रूपांतरित करना चाहिए. और इसके जीवंत उदाहरण के रूप में राजगोपाल हमारे सामने है . देश के युवाओं को जीवित नायकों से जीने की वास्तविक प्रेरणा मिलती है . शांतिपूर्वक समाज का निर्माण हिंसा का नहीं बल्कि अहिंसक संघर्ष का परिणाम है.
एकता परिषद के राष्ट्रीय संयोजक रमेश शर्मा ने कहा कि राजगोपाल का सम्मान , जल जंगल ज़मीन के अधिकार, पर्यावरण की सुरक्षा, आत्मसमर्पित बाग़ियों के पुनर्वास, और युवाओं को शांति और अहिंसा से जोड़ने के प्रयासों का सम्मान और उसकी अंतरराष्ट्रीय स्वीकृति का है .
कार्यक्रम में स्वागत भाषण एडवोकेट संतोष ठाकुर और राजागोपाल का जीवन परिचय डॉ संगीता कौशिक ने दिया . कार्यक्रम के संचालनकर्ता सुनील शर्मा ने बताया कि दोस्त और प्योर नामक सामाजिक संस्था ने यह आयोजन किया .कार्यक्रम में युवाओं ने राजागोपाल से समाज, संघर्ष, कैरियर, जैसे तमाम विषयों पर संवाद किया . इसमें पुरे छत्तीसगढ़ के विभिन्न स्थानों युवाओं ने आकर भागीदारी की . संस्था के सुरज दुबे, डॉ श्री प्रकाश सिंह, सिस्टर भुमी , सिस्टर अनुपमा, ममता निषाद, रिंकी सेन , अविनेश चंद्राकर ने आयोजन में सक्रिय सहयोग दिया .