विश्व आदिवासी दिवस की गूंज ईब से इंद्रावती तक

आज विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सीतापुर के मुख्य कार्यक्रम स्थल से लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज विश्व आदिवासी दिवस की गूंज ईब से इंद्रावती तक सुनाई दे रही है।

 बघेल ने कहा कि हमारी सरकार विगत साढ़े चार वर्षो से आदिवासी समुदाय ही नहीं बल्कि अन्य वर्गो के हित के लिए लगातार कार्य कर रही है।

किसी ने भी नहीं सोचा था कि गोबर की भी खरीदी होगी, लेकिन हमने यह कर दिखाया औऱ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए हर यथा संभव प्रयास भी किया है।

आदिवासियों के आर्थिक- सामाजिक जीवन स्तर को ऊंचा उठाने के लिए हमने तेंदूपत्ता संग्रहन की दर को 2500 से बढ़ाकर 4 हजार किया है, वनोपजों की खरीदी की संख्या 7 से बढ़ाकर 65 की है।

कोदो, रागी, कुटकी जैसे लघुधान्य फसलों को बढ़ावा देने के लिए मिलेट्स मिशन का गठन किया और इस तरह अब बड़े शहरों के बड़े होटलों में भी मिलेट्स के व्यंजन और भोजन मिलने लगा है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि आदिवासियों के हित और न्याय के लिए हमारी सरकार सदैव तैयार है। उन्होंने कहा कि स्वामी आत्मानन्द स्कूल हो चाहे बेरोजगारी भत्ता, राजीव युवा मितान क्लब हो या सुपोषण हमने हर दिशा में दशा सुधारने की पहल की है और उसी का परिणाम रहा है कि आज छत्तीसगढ़ मॉडल को देश में सराहा जा रहा है।

आज बड़ी संख्या में वन अधिकार पट्टे का वितरण किया गया। इसके अलावा शासकीय योजनाओं के अंतर्गत विभिन्न हितग्राहियों को हितग्राहीमूलक सामग्री एवं दस्तावेजों का वितरण एवं विशिष्ट प्रतिभाओं को सम्मानित किया गया।

Author: Sudha Bag

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