प्रभा खेतान फाउंडेशन स्वर्गीय डॉ प्रभा खैतान द्वारा स्थापित एक गैर-लाभकारी न्यास है। कोलकाता स्थित फाउंडेशन- प्रदर्शन कला, संस्कृति और साहित्य को बढ़ावा देता है, और भारत और विदेशों में लगभग 40 शहरों में सांस्कृतिक, शैक्षिक, साहित्यिक और सामाजिक कल्याण परियोजनाओं को लागू करने के लिए इनसे संबंधित प्रतिबद्ध व्यक्तियों, संरक्षकों और समान विचारधारा वाले संस्थानों के साथ सहयोग करता है। फाउंडेशन द्वारा आयोजित कार्यक्रमों को सीमेंट लिमिटेड अपने सीएसआर पहल के रूप में सहयोग प्रदान करता है।
छत्तीसगढ़ प्रदेश एक सुंदर कला, सभ्यता और संस्कृति का केंद्र रहा है। इस पावन धरा में साहित्य और संस्कार का उत्थान हुआ है। सरगुजा से शुरू कर दक्षिण के बस्तर तक पूरे छत्तीसगढ़ में साहित्य, संस्कृति, परंपरा और सभ्यता के सुंदर रंग देखने को मिलते हैं। इन सभी परंपरा में अत्यधिक विविधता के साथ- साथ एक जुड़ाव भी देखने को मिलता है।
कार्यक्रम आखर छत्तीसगढ़ का उद्देश्य छत्तीसगढ़ प्रदेश के राजभाषा छत्तीसगढ़ी और अन्य आंचलिक बोली (जैसे- सरगुजिहा, हल्बी, गोंडी, कुडुक, सदरी इत्यादि) के साहित्य के संरक्षण एवं संवर्धन पर वैचारिक परिचर्चा आयोजित करना है।
15 से अधिक बोली-भाषाओं पर केंद्रित दिन भर चलने वाले इस आयोजन में 7 सत्र होंगे जिनमें सरगुजा से लेकर बस्तर की बोली-भाषा के साथ ही छत्तीसगढ़ी कविता-कहानी, युवा लेखन और सोशल मीडिया पर केंद्रित 7 पैनल डिस्कशन होंगे, जिसमें 30 से अधिक साहित्यकार और 10 से अधिक छत्तीसगढ़ के सुप्रसिद्ध कलाकार शिरकत करेंगे।
आयोजन में प्रदेश के सभी संभाग से विषय विशेषज्ञ, साहित्यकार और लेखकों को वक्ता के रूप में आमंत्रित किया जाएगा, जिसमें पद्मश्री सम्मानित डॉ. भारती बंधु, मदन चौहान, उषा बारले एवं संगीत नाट्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित काशीराम साहू शामिल होंगे। कार्यक्रम में युवा लेखकों एवं डिजिटल माध्यम पर छत्तीसगढ़ के साहित्य, संस्कृति, परंपरा और सभ्यता को बढ़ावा देने निरंतर प्रयास कर रहे डिजिटल क्रिएटर्स हेतु विशेष सत्र का आयोजन किया जायेगा।